20 मई 1965 का दिन भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन बना था जब पहला पूर्ण भारतीय अभियान विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट पर पहुँचने में सफल हुआ था। इस अभियान ने भारत को विश्व के कुछ उन गिनती भर देशों के समूह में स्थान दिला दिया था जिन्होंने ऐसा कारनामा किया था। उल्लेखनीय है कि 1965 के इस ऐतिहासिक अभियान से पहले मात्र तीन बार एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई हुईं थीं। इस दल का नेतृत्व मनमोहन सिंह कोहली ने किया तथा इस दल में कुल 19 सदस्य थे। हालांकि इसमें से एवरेस्ट पर चढ़ने में मात्र 9 सदस्य ही सफल हुए थे। सबसे पहले 20 मई 1965 को कैप्टन अवतार सिंह चीमा (Captain Avtar.Singh Cheema) और नवांग गोम्बु (Nawang Gombu) एवरेस्ट के शीर्ष पर चढ़ने में सफल हुए थे। इसके बाद सोनम ग्यात्सो (Sonam Gyatso) और सोनम वांग्याल (Sonam Wangyal) 22 मई को, सी.पी. वोहरा (C.P.Vohra) और आंग कामी (Ang Kami) 24 मई को तथा मेजर एच.पी.एस. आहलूवालिया Major HPS Ahluwalia), हरीश रावत (Harish Rawat) और फू दोरजी (Phu Dorji) 29 मई को माउण्ट एवरेस्ट पर पहुँचे थे।
Thursday, 15 December 2016
भारत के पहले सफल एवरेस्ट अभियान :एचपीएस आलुवालिया
20 मई 1965 का दिन भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन बना था जब पहला पूर्ण भारतीय अभियान विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एवरेस्ट पर पहुँचने में सफल हुआ था। इस अभियान ने भारत को विश्व के कुछ उन गिनती भर देशों के समूह में स्थान दिला दिया था जिन्होंने ऐसा कारनामा किया था। उल्लेखनीय है कि 1965 के इस ऐतिहासिक अभियान से पहले मात्र तीन बार एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई हुईं थीं। इस दल का नेतृत्व मनमोहन सिंह कोहली ने किया तथा इस दल में कुल 19 सदस्य थे। हालांकि इसमें से एवरेस्ट पर चढ़ने में मात्र 9 सदस्य ही सफल हुए थे। सबसे पहले 20 मई 1965 को कैप्टन अवतार सिंह चीमा (Captain Avtar.Singh Cheema) और नवांग गोम्बु (Nawang Gombu) एवरेस्ट के शीर्ष पर चढ़ने में सफल हुए थे। इसके बाद सोनम ग्यात्सो (Sonam Gyatso) और सोनम वांग्याल (Sonam Wangyal) 22 मई को, सी.पी. वोहरा (C.P.Vohra) और आंग कामी (Ang Kami) 24 मई को तथा मेजर एच.पी.एस. आहलूवालिया Major HPS Ahluwalia), हरीश रावत (Harish Rawat) और फू दोरजी (Phu Dorji) 29 मई को माउण्ट एवरेस्ट पर पहुँचे थे।
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